
पिछले दिनों ग्वालियर में मनीष मिश्रा की सड़कों पर भीख मांगने की खबर के बाद अब आईआईटी कानपुर से पासआउट छात्र के सड़कों पर भीख मांगने की खबर सामने आई है।
दरअसल, सड़कों पर भीख मांग रहे छात्र का नाम सुरेंद्र वशिष्ठ है। वह आईआईटी कानपुर से पासआउट हैं और उनकी उम्र करीब 90 वर्ष बताई जा रही है। सुरेन्द्र की मानसिक और शारीरिक हालत काफी खराब है। यह भी पढ़ें: ठंड में ठिठुरते भिखारी को DSP ने पहना दी अपनी जैकेट, जब गौर से देखा तो रह गए हैरान
यह है पूरा मामला
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरेंद्र को एक संगठन ‘आश्रण स्वर्ण सदन’ ने रेस्क्यू किया है। आश्रण स्वर्ण सदन से जुड़े विकास गोस्वामी ने बताया कि, “हमें सुरेंद्र बस स्टैंड के पास काफी बुरी हालत में दिखे। उनसे जब बात करनी शुरू की तो उन्होंने अंग्रेजी में बात की। फिर हम उन्हें आश्रम ले आए। हमने उनके रिश्तेदारों से बात करने की कोशिश भी की है।” यह भी पढ़ें: राजमाता विजया राजे सिंधिया की जन्म शताब्दी के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने जारी किया 100 रूपए का सिक्का, ऐसा है सिक्का का स्वरूप
मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र हैं सुरेंद्र
इसके साथ ही, सुरेंद्र ने बताया कि उन्होंने साल 1969 में आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। इतना ही नहीं, 1972 में उन्होंने लखनऊ के डीएबी कॉलेज से एलएलएम भी किया है। इसके अलावा, उनके पिता, जेसी मिल कंपनी के सप्लायर थे। जो बाद में बंद हो गई थी। यह भी पढ़ें: पति की हिम्मत के आगे हार गईं हजार किमी की बाधाएं, गर्भवती पत्नी की परीक्षा के लिए 1200 किमी की यात्रा स्कूटर से की तय
ठीक हो रहे हैं सुरेंद्र
आश्रण स्वर्ण सदन से जुड़े विकास गोस्वामी ने बताया कि, आश्रम पहुंचने के बाद सुरेंद्र की हालत पहले से बेहतर है वह रिकवर कर रहे हैं। इससे पहले मनीष भी इसी अवस्था में सड़क पर भीख मांगते मिले थे। यह भी पढ़ें: महिला कर्मचारियों की शिकायत पर खुद ऊर्जा मंत्री ने की शौचालय की सफाई
मनीष की हालत में भी सुधार
गौरतलब है कि, मनीष साल 2006 में राज्य पुलिस की नौकरी से टर्मिनेट हो गए थे। फिर वह दो वर्ष के लिए AWOL में चले गए। उपचुनाव के दौरान क्राइम ब्रांच के डीएसपी रत्नेश सिंह तौमर और विजय सिंह ने ग्वालियर में उन्हें सड़क किनारे भिखारियों को खाना बांट रहे थे तब उन्होंने एक मनीष को ठिठुरते देखा।
इंसानियत के नाते डीएसपी ने मनीष को अपनी जैकेट दे दी। लेकिन जब वो जा रहे थे तो मनीष ने उन दोनों को उनके नाम से ही पुकारा। तब जाकर पता चला कि वो उनका दोस्त मनीष है। जिसके बाद उनकी उन्होंने उनकी मदद की। जिसके बाद फिर मनीष की मदद के लिए बाकी बैचमेट्स भी आगे आए। फिलहाल मनीष की हालत में भी सुधार हो रहा है। यह भी पढ़ें: कुत्ते को उठाकर पानी में फेंकने वाला युवक गिरफ्तार, बोला- खेल-खेल में हुई गलती
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