हमारे देश में आधुनिक महिलाएं आदर्श और प्रेरणादायक महिला व्यक्तित्व की तलाश में हैं, जिनसे वे सफल होने के लिए प्रेरणा प्राप्त कर सके। हमारे भारत कई ऐसी प्रसिद्ध प्रेरणादायक महिलाएं हैं, जिन्होंने आज की मॉडर्न महिलाओं को प्रेरित करने के लिए अपने जीवन में कुछ अलग, अविश्वश्नीय और साहसी काम किया है। आज हम आपको भारत की ऐसी 10 महिलाओ के बारे में बताएंगे जिनके जीवन का संघर्ष और उस संगर्ष के बाद उन्हें मिली सफलता आपको आश्चर्यचकित कर देगी।
चंदा कोचर
इन्हे कौन नहीं जनता, दोस्तों चंदा कोचर भारत के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई की अध्यक्ष हैं। वह 52 वर्षीय महिला है जो भारत की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई है। आपको जानकर ये आश्चर्य होगा की इनका नाम विश्व की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में आता है । चंदा कोचर ने अपने कैरियर की शुरुआत मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में की थी ।
अरुंधति भट्टाचार्य
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया भारत का सबसे बड़ा बैंक है, अरुंधति भट्टाचार्य इस बैंक की पूर्व चेयरपर्सन थी ।भारतीय स्टेट बैंक में पहली महिला चैयरपर्सन की बात करें तो अरुंधति भट्टाचार्य ही वो महान महिला है। वो आज की महिलाओ की लिए काफी गौरवशाली व्यक्तित्व हैं ।
मैरीकॉम
इनको कौन नहीं जनता मैरीकॉम पांच बार की बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी है । ये तीन बच्चों की माँ थी जब इन्हिने देश के लिए ओलंपिक्स में भाग लिया। सन 2012 में लंदन ओलंपिक्स में इन्हे पहली बार महिलाओं के लिए मुक्केबाजी प्रतिस्पर्धा को सम्मिलित किया गया था। उनके हौसले की जितनी सराहना की जाए कम है न केवल मैरीकॉम ओलंपिक्स में जम कर खेलीं, पर ऐसा खेलीं कि मैडल लेकर ही वापिस आयी।
प्रियंका चोपड़ा
इनका नाम बॉलीवुड की सबसे सफल अभिनेत्रियों में आता है । दोस्तों प्रियंका चोपड़ा आज की मॉडर्न महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं, उन्होंने न केवल बॉलीवुड, बल्कि हॉलीवुड की फिल्मों में भी काम किया है। प्रियंका चोपड़ा हमेशा अपनी सफलता का श्रेय उनकी कड़ी मेहनत और लक्ष्य की ओर अग्रसर रहने को मानती हैं।
सानिया मिर्जा
भारत की पहले टेनिस ग्रैंड स्लैम विजेता की जब बात होती है तो सानिया मिर्जा का नाम बड़े ही गर्व की साथ लिया जाता हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई ओपन, विंबलडन सहित दुनिया के लगभग सभी फेमस टेनिस टूर्नामेंट के डबल्स मुकाबलों में उन्होनें विजय पायी है। इतना ही नहीं सानिया मिर्जा ने कई बार एशियाई गेम्स, राष्ट्रमंडल खेलों सहित कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीते हैं।
सानिया मिर्जा हैदराबाद की रहने वाली है और सच में हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत है।
अरुणिमा सिन्हा
अरुणिमा सिन्हा को आज की समय में किसी परिचय की जरूरत नहीं है। ये उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर अंबेडकर नगर की रहने वाली है।इन्होने अपना एक पैर खोने के बावजूद दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी-एवरेस्ट को फतह करके विश्व में पहली महिला पर्वतारोही का ख़िताब पाया । लुटेरों ने अरुणिमा को 2011 में लखनऊ से दिल्ली आने वाली ट्रेन से नीचे फेंक दिया था। इसी समय दूसरी पटरी पर आ रही ट्रेन की चपेट में आने से इनका एक पैर कट गया था। अरुणिमा की अनुसार,”कटा पांव उनकी कमजोरी था लेकिन उन्होंने उसे अपनी ताकत बनाई।”
लता मंगेशकर
इन्हे कौन नहीं जनता , लता मंगेशकर एक बेहतरीन पार्श्व गायिका है ।उन्होंने बहुत से गाने गाये लेकिन जब लता जी चीन युद्ध के समय ‘जरा आँख में भर लो पानी’ गा रहीं थी तो पंडित नेहरू तक की आँखें नम हो गयी थीं। एक साधारण परिवार से आयीं लता मंगेशकर जी आज पूरी दुनिया में अपनी अद्भुत छाप बना दी है । पार्श्व गायकी की दुनिया में लता से बड़ा शायद ही कोई नाम है, या होगा।
कल्पना चावला
यह एक ऐसा नाम है जिसे सुनते ही सम्पूर्ण देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। एस्ट्रोनॉट कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की सबसे पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थीं। परन्तु 1 फरवरी सन 2003 को अपने स्पेस मिशन से लौटते समय अंतरिक्ष यान ‘कोलम्बिया’ के साथ हुए हादसे में अन्य छः क्रू मेंबर्स सहित उनकी भी मृत्यु हो गई। परन्तु अपने पीछे जो वो अपनी अमिट छाप छोड़कर गयी हैं वो हर महिला की लिए बेहद गर्व की बात है ।
पीवी सिंधु
हर लड़की जो खेल में रूचि रखती है वो पीवी सिंधु को जरूर जानती होगी ।दोस्तों ये भारत की महिला बैडमिंटन खिलाड़ी है, जिन्हीने ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रजत पदक प्राप्त किया है। उनके अनुसार हमेशा कड़ी मेहनत और गलतियों में निरंतर सुधार करने से कोई भी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
लक्ष्मी सॉ
आजकल जहा पूरे विश्व में महिलाएं अपनी सुंदरता को लेकर परेशान रहती है, वही लक्ष्मी सॉ जैसी महिलाएं एक नया नजरिया लेकर सामने आती है ।वो एक एसिड अटैक पीड़िता है आपको बता दे कि चेहरे और त्वचा के जलने के बाद भी उन्होंने हार नही मानी और आज वे एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं के लिए काम कर रही हैं। इतना ही नहीं उन्हें प्रेस्टीजियस इंटरनेशनल वुमन ऑफ करेज नामक अवार्ड से नवाजा गया है ।
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