एक मिनी हेलीकॉप्टर, हर घर को सालाना एक करोड़ रुपए, शादी के लिए सोने के गहने और तीन मंजिला मकान…। यह किसी का ख्वाब नहीं बल्कि हकीकत में किए गए वादे हैं। जी हां, तमिलनाडु विधानसभा के चुनावी मैदान में उतरे एक उम्मीदवार ने इन वादों की एक लंबी लिस्ट तैयार की है। इतना ही नहीं, उन्होंने चुनाव जीतने पर लोगों को चांद का सफर तक कराने का वादा किया है। इसके अलावा उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक रॉकेट लॉन्च पैड, इलाके को ठंडा रखने के लिए 300 फुट ऊंचा कृत्रिम बर्फ का पहाड़ और गृहिणियों के काम का बोझ कम करने के लिए एक रोबोट देने का भी वादा किया है। हालांकि यह सब सिर्फ उनके अभियान का एक हिस्सा है।

चुनावी वादों के जरिए फैला रहे जागरुकता
इस उम्मीदवार का नाम है थुलम सरवनन, जोकि दक्षिण मदुरै निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़कर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अपने घोषणापत्र और लंबे-चौड़े वादों की वजह से सरवनन लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हैं। उनके निर्वाचन क्षेत्र से 13 अन्य उम्मीदवार मैदान में हैं। पत्रकार से उम्मीदवार बने 33 साल के सरवनन अपने इस अभियान के बारे में कहते हैं, ‘मेरा उद्देश्य लोगों के बीच जागरुकता फैलाना है ताकि वे राजनीतिक पार्टियों के लालच में न आएं। मैं चाहता हूं कि वे अच्छे उम्मीदवारों को चुनें, जोकि साधारण और विनम्र हों। साथ ही नेताओं के बड़े-बड़े वादों को उजागर करना भी मेरा उद्देश्य है।’
नामांकन के लिए उधार लिए 20 हजार
सरवनन एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं और अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ रहते हैं। उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए 20 हजार रुपए तक ब्याज पर उधार लिए हैं। थुलम सरवनन का चुनाव चिन्ह कचरे का डिब्बा है। इसके जरिए वे लोगों को संदेश देना चाहते हैं कि अगर आप उन चुनावी वादों के झांसे में आएंगे, जो कभी पूरे नहीं होने वाले तो आपको अपना वोट कचरे के डिब्बे में फेंक देना चाहिए। अपनी एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘मदुरै दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र के प्रिय मतदाताओं, बिना रिश्वत, बिना भ्रष्टाचार के ईमानदार राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए कचरे के डिब्बे को वोट दीजिए।’
‘नेताओं ने प्रदूषित की राजनीति’
राजनीतिक पार्टियों पर निशाना साधते हुए सरवनन कहते हैं, ‘नेताओं ने चुनाव को पैसों का खेल बना दिया है। उन्हें लोगों के कल्याण की कोई चिंता नहीं है। चुनाव के दौरान कुछ राजनीतिक पार्टियां और नेता वोटरों को पैसों का लालच देते हैं, लेकिन कोई भी साफ हवा, शुद्ध पानी या रोजगार देने का वादा नहीं करता। चुनाव के दौरान नेता वोटरों को लुभाने के लिए सिर्फ लालच देते हैं, जिस वजह से वे सही नेता का चुनाव नहीं कर पाते हैं। ऐसे नेताओं की वजह से राजनीति प्रदूषित हो चुकी है और इस पर सिर्फ अमीरों का वर्चस्व हावी हो रहा है।
6 अप्रैल को है तमिलनाडु में चुनाव
तमिलनाडु में 6 अप्रैल को विधानसभा चुनाव होंगे और वोटों की गिनती 2 मई को होगी। राज्य में कुल 234 विधानसभा सीटें हैं। यहां किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिए कम से कम 118 सीटों की जरूरत है। फिलहाल तमिलनाडु में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) की सरकार है और ई पलानीस्वामी राज्य के मुख्यमंत्री हैं। पिछले चुनाव में एआईएडीएमके ने 136 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके ने 89 सीटें हासिल की थी।
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