
आपने अब तक फर्जी बैंक खाता खोलने के बारे में तो सुना होगा, लेकिन फर्जी बैंक ही खोल लेना आपके लिये नई खबर होगी। यह फर्जी शाखा देश के सबसे बड़े बैंक ‘भारतीय स्टेट बैंक’ की थी। यह घटना तमिलनाडु के कडलोर जिले के पनरुत्ती कस्बे की है। करीब 80 हजार आबादी वाले इस कस्बे में यह फर्जी ब्रांच करीब 3 महीने से सक्रिय थी। एक ग्राहक की शिकायत पर यह मामला सामने आया।
इस मामले में पुलिस ने 19 वर्षीय युवक समेत तीन लोगों को भारतीय दंड संहिता की धारा 473, 469, 484 और 109 के तहत हिरासत में ले लिया। उन पर जालसाजी और नकली मुहरों को रखने का मामला दर्ज किया गया है। फर्जी शाखा पर कोई साइनबोर्ड नहीं लगा हुआ था। फिलहाल अभी तक किसी भी व्यक्ति ने इस फर्जी शाखा के खिलाफ़ धोखाधड़ी की शिकायत नहीं की है। मुख्य आरोपी का कहना है कि उसने किसी से धोखाधड़ी करने के लिये फर्जी शाखा नहीं खोली थी।
जानकारी के मुताबिक कमल नाम का युवक इस जालसाजी का मुख्य आरोपी था। रबर स्टैंप वेंडर मणिकम (52) ने उसे नकली मुहरें मुहैया कराईं और प्रिंटिंग प्रेस संचालक कुमार (42) ने असली दिखने जैसे चालान बना कर दिये। यही नहीं, बल्कि इस शाखा के लिये एक वेबसाइट भी बनाई गई थी। पूछताछ से पता चला है कि यह शाखा अप्रैल 2020 से सक्रिय थी।
कमल के माता-पिता बैंक में नौकरी करते थे। बैंक में बार-बार जाने से उसे बैंकिंग और दैनिक कार्यों की अच्छी समझ हो गई थी। कुछ साल पहले पिता की मौत हो गई और माँ रिटायर हो गईं। कमल ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिये आवेदन किया जिसमें देरी होने की वजह से वह निराश हो गया और उसने अपनी खुद की फर्जी ब्रांच स्थापित कर ली।
इस एक कमरे की सक्रिय फर्जी ब्रांच में फर्नीचर से लेकर स्टेशनरी तक सब कुछ असली ब्रांच की तर्ज पर ही जमाया गया था। कैश डिपॉज़िट चालान, मुहरों और फाईलों पर बैंक का नाम छपा हुआ था। वहाँ करेंसी काउंटर मशीन, डेस्कटाॅप कंप्यूटर, प्रिंटर और दर्जनाें फाइलें भी माैजूद थीं।
इस फर्जी बैंक का खुलासा तब हुआ जब एक ग्राहक ने इसकी खबर असली बैंक शाखा में दी। दरअसल, पनरुत्ती में भारतीय स्टेट बैंक की दो शाखायें हैं। कुछ दिन पहले एक शाखा में एक ग्राहक पहुँचा और बैंक मैनेजर से तीसरी शाखा खुलने की जानकारी ना देने की शिकायत की। इस पर मैनेजर हैरान रह गये और इस बात को नकार दिया। तब ग्राहक ने तीसरी शाखा जो फर्जी थी, उससे मिली जमा पर्ची दिखाई। मैनेजर ने क्षेत्रीय कार्यालय से पता किया तो कस्बे में किसी भी नई शाखा के खुलने की जानकारी नहीं मिली। इस पर मैनेजर स्वयं फर्जी शाखा पहुँच गये और पुलिस को खबर दी।
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