कोरोना वायरस की महामारी की वजह से पूरा देश लॉकडाउन में चल रहा है। ऐसे में डेढ़ महीने से कई राज्यों के प्रवासी मजदूर ,छात्र व पर्यटक अपने निजी स्थान से दूर अन्य शहरो में फसे हुए है। इन लोगो को इनके निजी स्थान तक पहुंचने के लिए रेलवे ने शुक्रवार को स्पेशल ट्रेनों को हरी झंडी दिखा दी है। गृहमंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के मौके पर ‘श्रमिक विशेष ट्रेनें’ चालू करने का निर्णय लिया है। रेलवे के अनुसार ये विशेष ट्रेने राज्य सरकारों के अनुरोध पर तय किये गये स्थान से दूसरे स्थान तक ही जाएगी। यह स्पेसल ट्रेने कुछ निर्धारित शर्तो के साथ ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक चलाई जाएगी।

कुछ इन मुख्य शर्तो के साथ चलाई जाएगी ट्रेने:
- ट्रेनों में बैठने से पहले आवागमन करने वाले यात्रियों की राज्यों द्वारा जांच होगी और स्वस्थ पाए जाने वालों को ही यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी। राज्य सरकारों को ऐसे लोगों के समूह बनाने के बाद ही रेल यात्रा का मौका दिया जाएगा।
- प्रत्येक यात्री को फेस मास्क लगाना अनिवार्य होगा। यात्रियों को मूल स्टेशन पर भेजने वाले राज्यों द्वारा भोजन और पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा। रेलवे लंबे रेल मार्ग की यात्रा के दौरान ही केवल एक बार का भोजन प्रदान करेगा और निजी स्थान पर पहुंचने पर उनके भोजन एवं अन्य सुविधाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
- श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में लगाए गए कोच के भीतर 72 सीटों की जगह अब केवल 54 सीटों का प्रावधान किया गया है ताकि लोग एक दूसरे से दूरी बनाकर बैठे।
- ये विशेष ट्रेनें दोनों राज्यों के अनुरोध पर प्वाइंट-टू-पॉइंट (बिना किसी रोक-टोक) से चलेंगी और लोगों को भेजती रहेंगी और मानक स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करेंगी।
- रेलवे और राज्य सरकारें इन विशेष ट्रेनों के समन्वय और सुचारू संचालन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगी।
- अपने निजी स्थान में पहुंचने पर राज्य सरकार द्वारा लोगो की स्क्रीनिंग की जाएगी फिर उन्हें आगे भेजा जायेगा।
- रेलवे, यात्रियों के सहयोग से सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों और स्वच्छता को बनाये रखने का प्रयास करेगा।
- सभी ट्रेने और उनमे उपयोग किये जाने वाले चीजों को सेनटाइज़ किया जायेगा।
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