
देश के सबसे धनी कारोबारी मुकेश अंबानी कोरोनाकाल के दौरान वर्क फ्राम होम कर रहे हैं। जहाँ उन्होंने शुरू में रिलायंस जियो में करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव फाइनल किए, वहीं अब उन्होंने शॉपिंग भी शुरू कर दी है। इस शॉपिंग के दौरान उन्होंने देश की प्रमुख शॉपिंग कंपनी बिग बाजार को अपनी सहायक कंपनियों के साथ ही खरीद लिया है। हजारों करोड़ रुपये में हुए इस सौदे के बाद रिलायंस रिटेल देश की चुनिंदा कंपनियों में जगह बनाएगी। यही नहीं अरबपति किशोर बियानी के स्वामित्व वाले फ्यूचर ग्रुप में सुपरमार्केट चेन बिग बाजार, अपमार्केट फूड स्टोर्स फूडहॉल और क्लोथिंग चेन ब्रांड फैक्ट्री शामिल है।
क्या है सम्पूर्ण सौदा
रिलायंस इस सौदे के माध्यम से फ्यूचर समूह के रिटेल और थोक कारोबार तथा लॉजिस्टिक्स और भंडारण कारोबार का अधिग्रहण करने जा रही है। यह अधिग्रहण रिलायंस की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर लिमिटेड (आरआरवीएल) ने इस डील को 24,713 करोड़ रूपए में की है। शनिवार 29 अगस्त को कंपनी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी।
सौदे के बाद आरआरवीएल की निदेशक ईशा अंबानी ने कहा कि, “हम फ्यूचर ग्रुप के प्रसिद्ध प्रारूपों और ब्रांड्स को एक घर प्रदान करने के साथ-साथ इसके बिजनेस इकोसिस्टम को संरक्षित करके खुश हैं और हम देश भर में अपने उपभोक्ताओं को लगातार बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” इसी के साथ ईशा कहतीं हैं कि शहरी उभोक्ताओं के लिए बिग बाजार वर्षों से रोजमर्रा के सामान की पूर्ति का केंद्र रहा है। बिग बाजार सरीखी शृंखला में रिलायंस रिटेल का पेशेवर रवैया जरूर देखने को मिल सकता है। पर ईशा अंबानी के बयान के बाद यह तो तय है कि बिग बाजार का नाम नहीं बदलेगा। यानी, रिलायंस बिग बाजार की रीब्रांडिंग नहीं करने जा रहा, इसलिए उपभोक्ताओं के लिए बिग बाजार में कुछ भी नहीं बदलेगा।
ऐसे राह पकड़ेगा सौदा
रिलायंस की सहायक कंपनी आरआरवीएल ने कहा है कि इस अधिग्रहण योजना के तहत फ्यूचर समूह अपनी कुछ कंपनियों का विलय फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एफईएल) में करेगा। कंपनी ने बताया कि इस योजना के तहत फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार को आरआरवीएल की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफ स्टाइल लिमिटेड (आरआरएफएलएल) को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। अपैरल, जनरल मर्चेंडाइज और खुद के एफएमसीजी ब्रांड वाला फ्यूचर ग्रुप का पोर्टफोलियो ग्राहकों को व्यापक पेशकश में सहायक होगा। इस अधिग्रहण को अभी जरूरी मंजूरियां मिलना बाकी है।\
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