महाराष्ट्र और यहाँ की राजधानी मुंबई कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है और अब तक सबसे ज्यादा तादाद में कोरोना मरीजों की संख्या भी महाराष्ट्र में ही है। गंभीरता जो देखते हुए इस महामारी से लड़ने हेतु महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों से अपील की थी। उनकी एक अपील पर 72 घंटों के अंदर अभी तक 15 हजार 500 लोगों ने संकट के समय काम करने का आवेदन किया है।
सीएम उद्धव ठाकरे ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए अपने प्रदेश के रिटायर्ड प्रोफेशनल्स, विशेष तौर पर हेल्थ वर्कर्स से काम पर लौटने की अपील की थी। सीएम की इस अपील पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया आई है। 72 घंटों के अंदर ही इस कार्य हेतु 15 हजार 500 आवेदन आए हैं। यह आवेदन डॉक्टर्स, नर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्निशन, टीचर्स और सूचना तकनीक प्रोफेशनल्स की तरफ से आया है।

इन सब में खास बात यह है कि संकट के समय मदद की पेशकश करने वाले लोगों में न केवल रिटायर हुए लोग हैं बल्कि युवा और रोजगार में लगे लोग भी शामिल हैं। ऐसे लोग अपना-अपना काम और सुविधाओं को छोड़कर इस वैश्विक आपदा के वक्त कोरोना से जंग के लिए तैयार हैं। एक अख़बार की वेबसाइट के अनुसार इस जंग के योद्धा बनने के लिए आवेदन करने वालों में 2519 नर्स, 761 फार्मासिस्ट, 541 लैब टेक्निशन, 486 वार्ड बॉय शामिल हैं।

इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में सामने आए वॉलंटियर्स को महाराष्ट्र सरकार ‘कोरोना योद्धा’ का दर्जा देने का फैसला किया है। इन सभी वॉलंटियर्स को जरूरी ट्रेनिंग के बाद उनके कौशल के हिसाब से काम सौंपे जाने की बात हो रही है। इन वॉलंटियर्स में पुणे के डॉक्टर 36 साल के अभिजीत मोरे, 58 साल की कल्याण-डोंबिवली की मेयर विनिता विश्वनाथ राणे, 50 साल के इंडियन एक्स-डिफेंस एम्पलॉयी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के निदेशक कमांडर अंशुमान ओझा जैसे अन्य लोग भी शामिल हैं।
बता दें कि देश में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महारष्ट्र में ही आ रहे हैं। अब तक यहाँ 1700 से अधिक पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, जिसमें से 100 लोगों से अधिक की मौत भी हो चुकी है। यह संख्या पूरे देश में फैले कोरोना के मामलों का लगभग 20 प्रतिशत और इस वायरस की वजह से हुई मौतों का लगभग 40 प्रतिशत है।
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