दिल्ली सरकार द्वारा लॉकडाउन के चौथे चरण में रियायतों के साथ दिल्ली को खोलने का फैसला लिया गया है। इस पर बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा एक बार में ही लगभग सब कुछ खोल देने का फैसला दिल्ली वासियों के लिए डैथ वारंट साबित हो सकता है। मैं दिल्ली सरकार से आग्रह करता हूं कि लॉकडाउन में दी गई रियायतों पर पुनर्वचार करे। एक गलत कदम और सब खत्म हो जाएगा। गौतम गंभीर ने ट्वीट के जरिए अपनी बात कही।
दिल्ली सरकार के फैसले का बचाव करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अब हमें कोरोना वायरस के साथ रहना सीखना होगा। इसलिए धीरे-धीरे लेकिन सावधानीपूर्वक सरकार ने दिल्ली को खोलने का निर्णय लिया है।
लॉकडाउन का चौथा चरण केंद्र सरकार द्वारा कुछ रियायतें देने के साथ लागू किया गया है। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि राज्य सरकार चाहे तो कंटेनमैंट एरिया को ध्यान में रखते हुए रियायतें दे सकती है या पाबंदियां लगा सकती है। इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑड-इवन के आधार पर रियायतें देने का फैसला किया है। लेकिन कंटेनमेंट इलाकों में किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी गई है। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को काफी जगहों पर बाज़ार में दुकानें खोलने, 20 यात्रियों के साथ बसें चलाने और सिर्फ एक यात्री के साथ ऑटो रिक्शा चलाने की छूट दी है। कई जगहों पर चाय की दुकानें खोलने की भी मंजूरी दी गई है।
हालांकि सरकार ने सख्त निर्देश दिए है कि सामाजिक दूरी बनाए रखने का ध्यान रखा जाए और एक समय पर दुकान में पांच व्यक्ति से ज्यादा लोगों को दुकान में रहने की अनुमति नहीं है। दिल्ली में मेट्रो सेवाएं, स्कूल, कॉलेज, शॉपिंग मॉल्स, सिमेना घर और सैलून फिलहाल बंद रहेंगे।
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