
बंगाल की खाड़ी में आए अम्फान तूफान ने पश्चिम बंगाल में भीषण तबाही मचाई है। पश्चिम बंगाल में अब तक 72 लोगों की जान चली गई है। करीब 190 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली हवाओं ने 5500 घरों को उजाड़ दिया, करोड़ों का नुकसान हुआ है। सड़कों पर सैंकड़ों पेड़ों के टूटकर गिरने से आवाजाही बंद हो गई है, बिजली के खंबे टूटकर गिर गए हैं। एनडीआरएफ की ओर से राहत बचाव कार्य किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता मुखर्जी ने कहा कि ऐसी तबाही पहले कभी नहीं देखी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां खुद आकर हालात का जायजा लें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट के जरिए कहा कि, “बंगाल में चक्रवाती तूफान अंफान से हुई तबाही की तस्वीरें देख रहा हूं। पूरा देश एकजुटता के साथ बंगाल के साथ खड़ा है। राज्य के लोगों की सलामती की प्रार्थना करता हूं। प्रभावितों की मदद में कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी।”
उड़ीसा के 9 जिले पूरी, गंजम, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रापाड़ा, जाजपुर, गंजाम, भद्रक और बालासोर प्रभावित हुए हैं। पश्चिम बंगाल के तटीय जिले पूर्वी मिदनापुर, 24 दक्षिणी और उत्तरी परगना के साथ ही हावड़ा, हुगली, पश्चिमी मिदनापुर और कोलकाता में तूफान ने तबाही मचाई है।
चक्रवाती तूफान की वजह से कोलकाता एयरपोर्ट में भी भरी तबाही का मंजर देखने को मिला है। भारी बारिश के कारण पूरा एयरपोर्ट पानी से भर गया है। एयरपोर्ट की एक बिल्डिंग की टीनशेड का एक हिस्सा टूटकर गिरने से कुछ हवाईजहाज क्षतिग्रस्त हो गए हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी अब पानी निकालने में जुटा है। तूफान से हुई क्षति का आंकलन भी किया जा रहा है।
मौसम विभाग के अम्फान तूफान का पूर्वानुमान लगाने से पश्चिम बंगाल में 5 लाख लोगों को उनके घरों से निकालकर शेल्टर होम पहुंचा दिया गया था। उड़ीसा में भी 1.6 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। तूफान बुधवार को दोपहर करीब ढाई बजे कोलकाता पहुंच गया था। 5 घंटों के बाद हवाओं की रफ्तार धीमी हुई। इन पांच घंटों में चक्रवाती तूफान भारी तबाही मचा चुका था।
हालांकि अब तूफान के कमजोर होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। यह तूफान 27 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने असम, मेघालय में हल्की बारिश और 30 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना जताई है।
कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गाबा ने अफसरों को निर्देश दिए है कि वह दोनों प्रदेशों की सरकार के संपर्क में रहे और हर सुविधा मुहैया कराए। केंद्र सरकार की तरफ से यह भी तय हुआ है कि गृह मंत्रालय की एक टीम पश्चिम बंगाल और उड़ीसा जाकर स्तिथि का जायजा ले और तूफान से होने वाले नुकसान का आंकलन करे।
एनडीआरएफ चीफ एसएन प्रधान ने कहा कि, “कोरोनाकाल में उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में राहत बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण है। तूफान से अाई तबाही से लोगों के घर बर्बाद हो गए हैं। सड़कों पर बड़े-बड़े पेड़ और बिजली के खंबे टूटकर गिर गए हैं। इन सब को साफ किया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन का पालन भी किया जा रहा है।
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