कोरोनावायरस महामारी के दौरान हमें भारत देश में कई कोरोना वीरों से अवगत होने का मौका मिला है। जब पूरे देश में लाॅकबंदी लागू थी और हम सब अपने घर में बैठे थे। उसी दौरान देश की एक माॅं ने अपने देश के प्रति समर्पण को बखूबी दिखाया है। कुछ ऐसी ही कहानी है विशाखापट्टनम की IAS अधिकारी श्रीजाना गुममाला की। जो अपने काम के कारण अभी पूरे देश में चर्चित है। गुममाला ने एक महीने पहले ही बच्चे को जन्म दिया था। उन्होंने देश में महामारी के संकट को मद्देनजर रखते हुए अपने 6 महीने के मातृत्व अवकाश को त्याग कर सिर्फ 22 दिन बाद ही अपने काम पर लौट आई।

अपने काम को दिया सर्वोच्च स्थान
श्रीजाना अपने 1 माह के बच्चों को घर पर छोडकर नगर निगम में अपना कार्य करती है। जब तक वें अपने ऑफिस रहती है तब तक उनके बच्चे की देखभाल उनके पति और माॅं करती है और हर 4 घंटे में वें अपने बच्चों को देखने के लिए घर पर आती हैं। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा “मेरी भूमिका इस विनम्र प्रयास में सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा है, बल्कि मुझे मेरे पूरे परिवार ने मुझे इस प्रतिबद्धता के लिए काम करने की ताकत दी है। ”
अपने काम के कारण सोशल मीडिया पर छाई
श्रीजाना एक हाथ में फोन पकडते हुए और दसरे हाथ से बच्चें को खिलाते हुए उनका एक फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ। जिसके बाद ट्विटर पर IAS एसोसिएशन ने उनके प्रयास की सराहना की और लिखा, “# #agagststona की अगुवाई करने वाले युवा #IAS अधिकारी जीवीएमसी विशाखापत्तनम के आयुक्त, सुश्री गुममला श्रीजाना शहर में सेवा करने के लिए मातृत्व अवकाश के बिना एक महीने के बच्चे के साथ वापस ड्यूटी पर शामिल हो गईं। श्रीजाना ने उनका धन्यवाद करते हुए लिखा ” इस समय देश के संकट के दौर से गुजर रहा है हम सबको मिलकर एकजुटता के साथ आगे बढ़ना है। मैं अपने काम के प्रति खुद को हमेशा समर्पित करती हूं। ”
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