नताली बिन नर्कप्रसर्ट पेरिस में बिजनेस करती हैं लेकिन कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से वह थाईलैंड में फंस गईं। थाईलैंड उनकी मातृभूमि है, ऐसे में उन्हें कोरोना महामारी से पीड़ित अपने हमवतनों की चिंता होने लगी। उन्होंने अपनी नानी के बारे में भी सोचा, जोकि काफी बुजुर्ग हैं। नताली कहती हैं, वह 94 साल की हैं। कोरोना की बीमारी के दौरान मैं उन्हें लेकर काफी परेशान थी कि वह कैसे इसका सामना कर रही होंगी। इसलिए मैंने उन लोगों की मदद करने के बारे में सोचा जो इस मुश्किल वक्त में संघर्ष कर रहे हैं और जिनके पास शायद परिवार या घर भी नहीं है।

युवा उद्यमी ने बनाया वॉलंटियर्स का नेटवर्क
इसके लिए नताली ने कुछ वॉलंटियर्स का एक नेटवर्क बनाया, जिसमें मिशेलिन स्टार शेफ भी शामिल थे, ताकि वह अपने देश के उन लोगों की मदद कर सकें, जिनकी मामूली सी आमदनी भी इस महामारी की भेंट चढ़ गई। उनके ग्रुप कोविड थाईलैंड एड का कहना है कि वह 100 से ज्यादा स्थानों पर 30,000 से ज्यादा लोगों तक जरूरी सामान और ताजा भोजन पहुंचा चुका है। हाल ही में 28 साल की नताली ने बैंकाक में एक रेलवे लाइन के पास तपती गर्मी में कम आमदनी वाले समुदाय के लोगों को भोजन बांटा। नताली और उनके वॉलंटियर्स ने लोगों को चिकन और राइस के पैकेट बांटे। इसके अलावा उन्होंने कपड़े, सेनेटाइजर और मास्क जैसी जरूरी चीजें भी बांटीं।
जरूरतमंदों की मदद का उठाया बीड़ा
इस समुदाय के कई लोग घरेलू सहायक, सड़क विक्रेता या दुकान के सहायकों के रूप में काम करते हैं और कई लोगों ने लगभग दो महीने से कोई काम नहीं किया है। इसी समुदाय की एक महिला जिंताना जन्तोसरी ने कहा, यह हमारे लिए बहुत मायने रखता है। हम बहुत मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। हम किराया भी नहीं दे सकते। कई लोगों के पास कोई नौकरी नहीं है और वे कुछ बेच भी नहीं सकते। सब कुछ बहुत कठिन है। कोरोना के चलते हवाई सेवाएं बंद होने के कारण नताली फ्रांस नहीं जा पाईं, जिसके बाद उन्होंने जरूरतमंद लोगों की मदद करने का फैसला किया। नताली फ्रांस में प्रॉपर्टी और ई-कॉमर्स का बिजनेस करती हैं। शुरुआत में उन्होंने अपने पड़ोस के जरूरतमंद लोगों को किराने का जरूरी सामान बांटा, लेकिन अब 32 से अधिक प्रांतों में उनके 450 से ज्यादा वॉलंटियर्स भोजन और राहत पैकेज बांटने का काम कर रहे हैं। इसके साथ ही नताली दूसरे लोगों से भी जरूरतमंदों की मदद करने के लिए उनकी टीम में शामिल होने की अपील करती हैं और लोगों को उनकी काबिलियत के हिसाब से काम का जिम्मा देती हैं।
रंग लाई नताली की मेहनत
नताली की मेहनत के काफी अच्छे नतीजे भी मिल रहे हैं। उनके नेटवर्क में बैंकॉक के कई बड़े रेस्टोरेंट शामिल हो गए हैं। इसी के तहत एक दिन पांच भोजनालयों के शेफ इकट्ठा हुए और उन्होंने रेलवे लाइन के पास रहने वाले लोगों के लिए पैड क्रापो गेई नाम के मसालेदार चिकन के 300 पैकेट तैयार किए। इस फूड डोनेशन ड्राइव के प्रोजेक्ट लीडर मेक्सिकन-अमेरिकन कुक और फूड राइटर मेगन लियोन का कहना है कि इस ड्राइव में शामिल किए गए तीन रेस्टोरेंट ने मिशेलिन स्टार कमाए हैं, लेकिन यह कोई मुद्दा नहीं है। नताली कहती हैं, यह पहल सिर्फ लोगों का पेट भरने के लिए एक साथ आने के लिए है और यह सुनिश्चित करने के लिए कि लोगों को अच्छा भोजन मिल सके। इससे उन्हें खुद के बारे में अच्छा महसूस होगा और जरूरतमंद परिवारों की मदद हो पाएगी। थाइलैंड में फंसे होने के कारण नताली का करियर रुक गया है और उन्होंने कई महीनों से अपने पति को भी नहीं देखा है, लेकिन उन्हें इसका कोई पछतावा नहीं है। नताली यह भी सोचती हैं कि पुरानी जिंदगी में वापसी उनके लिए एक चुनौती हो सकती है। उन्होंने कहा, मेरे लिए वापस जाना थोड़ा मुश्किल होगा क्योंकि अभी भी ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद करनी है। पैसे तो मैं बाद में भी कमा सकती हूं, अभी मैं सिर्फ लोगों की मदद करना चाहती हूं। फिर देखते हैं, आगे क्या होता है।
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